मैं एक अवारा पागल दीवाना था
जो तेरे प्यार में पागल था,
तुमने कभी नजरों में न देखा हमारी
और हम पहचान न सके नब्ज तुम्हारी
दूर तो चली गयी तू फिर भी आज लोग तुझे मेरा ही कहते हैं
तुझे क्या मालूम ऐ बेवफा कि तेरे बिना दर्द कितना सहते हैं
कितनी भी कोशिश कर ले कोई तेरी जगह न ले पायेगा
तेरे इस दर्द को और कोई सहन न कर पायेगा
कुछ पलों बाद तुम्हारे साथ गुजारे ये चंद लम्हें याद आयेंगे
जब हम यादों की बारात में चले जाएगें
चुप रहेंगे हम फिर भी वो लम्हे कहेंगे
खुद को भूल जाएगें पर तुम्हें न भुला पायेंगे
कोई न होगा सुनने वाला फिर भी हम कहेंगे
कुछ पलों बाद ये चंद लम्हे जब बहुत याद आयेंगे
तुम पास न होगी फिर भी हमारी खुफ्तगू होगी
दिन होते हुए भी तब रात होगी
चुप रहेंगे हम फिर भी हमारी बात होगी
यहां मिलो या न मिलो लेकिन
ख़ुदा के यहाँ हमारी फिर से मुलाकात होगी
वो जमाना भी तुम्हें याद है जब तुम कहते थे
दोस्त दुनिया मे नही तुमसा बेहतर अपना।
तुमको चाहा तो ख़ता क्या है बता दो मुझको
दूसरा कोई तो अपना सा दिखा दो मुझको।
मिलाते हो उसी को खाक मे जो दिल से मिलता है
मेरी हुस्न ए जहाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है।