जब कुछ आशिक़ अपने महबूब की जुल्फ़े सँवार रहे होंगे,
तब हम तुम्हें line-by-line निहार रहे होंगे 📗📚,
ऐ कठिन परिस्थिति अब तुझे पीछे हटना होगा
क्योंकि तुझसे भिड़ने अब कुछ नये योद्धा आ रहे होंगे!!
✍️आलोक कुमार
सर्द हवाओ में रहने वाले,
तुम्हें क्या मालूम अंगारों पर चलने का सबब!!
परिस्थिति कोई भी हो न ख़बराउंगा मैं,
मुझे संभालो वक़्त पर काम आऊँगामैं📚
तुमसे बिछड़ने का जी तो बहुत करता है,
पर तुम्हारे सिवा कोई साथ नहीं मेरा..📚
जिंदगी में जीना तब आया,
जब तुझे 📚 मैंने अपना बनाया,
साथ छोड़ देते हैं लोग अपने भी बुरे वक्तों पर
लेकिन तू एक ऐसी हकीकत है जिसने हर वक्त साथ निभाया!
मुझे कोई रास्ता नजर नहीं आता यहां से
मुझे यही से एक रास्ता निकालना है!!
वो मंजिले भी सर झुका देंगी
जब दमदार तेरी तैयारी होगी।।
मुट्ठी में होगा तेरा मुकद्दर
जब किताबों संग तेरी यारी होगी।।
ग़ज़ब उलझी हुई हैं जुल्फ़े तेरी,
उन्हें सुलझाने का अथक प्रयास कर रहा हूँ मैं!!